ज्योतिष कुंडली मे अरेंज मैरिज का योग कैसे देखे: इस विवाह प्रणाली में माता-पिता की पसंद प्राथमिक होती है और दूल्हा या दुल्हन की पसंद गौण होती है। हमारे हिन्दू समाज में सबसे पहले पिता ही वर के चयन की पहल करता है। चयन दूल्हे के स्वास्थ्य, शिक्षा और आय के आधार पर किया जाता है। चयन के लिए ये प्राथमिक मानदंड हैं। द्वितीयक मानदंड परिवार और दूल्हे के माता-पिता की सामाजिक स्थिति हैं। यदि ये अनुकूल हैं, तो लड़की के साथ मंगनी की जाती है, और विवाह को अंतिम रूप दिया जाता है।
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वैदिक ज्योतिष में अरेंज मैरिज
ज्योतिष शास्त्र में अरेंज मैरिज के लिए निम्नलिखित योग दिए गए हैं। सप्तम भाव, सप्तमेश , पुरुषों के लिए शुक्र और स्त्रियों के लिए मंगल; विवाह के लिए प्राथमिक निर्धारक हैं। यदि वे शक्तिशाली और अच्छी स्थिति में हैं तो विवाह तय है। सप्तम भाव और सप्तमेश के अलावा , द्वितीय भाव और द्वितीयेश और 11 वें भाव और 11 वें स्वामी की भी जांच की जानी चाहिए ।
- यदि द्वितीय भाव, सप्तम भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी आपस में जुड़े हों तो विवाह सफल होता है।
- यदि 2 , 7 , 11 भाव के स्वामी सूर्य या चन्द्र से युत हों तो विवाह माता-पिता द्वारा तय किया जाता है।
- यदि शुक्र किसी तरह से चतुर्थ भाव या उसके स्वामी, या नवम भाव या उसके स्वामी से जुड़ा हो , तो विवाह माता-पिता द्वारा तय किया जाएगा।
- यदि शुक्र सूर्य या चंद्र या शुभ ग्रहों से युक्त हो तो विवाह माता-पिता द्वारा तय किया जाएगा।
- महिला कुंडली का निर्णय करते समय मंगल की ताकत की जांच की जानी चाहिए।
- यदि 2 , 7, 11 भाव के स्वामी मंगल से युत हों तो अरेंज मैरिज भाई के सहयोग से होगी । यदि बुध के साथ मामा या रिश्तेदार का सहयोग हो और गुरु ग्रह हो तो व्यक्ति जातक के परिवार से बड़ा हो सकता है।
- यदि 2रे, 7 वें और 11 वें भाव के स्वामी चौथे भाव या उसके स्वामी, या 9 वें भाव या उसके स्वामी से जुड़े हों, तो विवाह उनके माता-पिता द्वारा तय किया जाएगा।
- यदि दूसरे , सातवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी शुक्र शुभ ग्रहों से युत हो तो अरेंज्ड मैरिज होगी।
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विषय: ज्योतिष में अरेंज मैरिज, कुंडली में अरेंज मैरिज
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लेखक, वैदिक पाराशरी और नाड़ी ज्योतिषी, न्यूमरोलॉजिस्ट, हस्तरेखा विशेषज्ञ, वास्तु विशेषज्ञ और ज्योतिष शिक्षक शंकर भट्टाचार्जी, वैदिक ज्योतिष क्षेत्र में एक सम्मानित और “प्रसिद्ध” नाम हैं। उनका जन्म भारत में एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था – पश्चिम बंगाल – कोलकाता के पास, “द सिटी ऑफ़ जॉय”, जो भारत के प्रमुख शहरों में से एक है।
अनुभव: १५ साल से अधिक।
विशेषज्ञता: ज्योतिषी शंकर भट्टाचार्जी वैदिक पाराशरी और नाड़ी ज्योतिष, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा, वास्तु और प्राचीन डरावनी प्रणाली के माध्यम से भविष्य का अनुमान लगाने में विशिष्ट हैं।
व्हाट्सएप्प नंबर: 91 9051357099 (मुफ्त परामर्श के लिए नहीं)